नाहरगढ़ फोर्ट: जहां सिपाही विद्रोह के समय यूरोपीय लोगों को रखा गया 

साल 1734 में जयपुर के संस्थपक कहे जाने वाले महाराजा सवाई जय सिंह ने नाहरगढ़ किले को बनवाया था।

लगभग साल 1868 के आसपास बनकर तैयार हुआ यह महल। कहा जाता है कि उस मसय इस किले को गर्मियों के मौसम में अधिक इस्तेमाल किया जाता था।

इसे किले को लेकर यह बोला जाता है कि राजस्थान का एक मात्र ऐसा फोर्ट है जहां कभी भी हमला नहीं हुआ।

साल 1857 के सिपाही विद्रोह के समय कई स्थानीय और यूरोपीय लोगों को इसी महल में हिफाज़त के लिए रखा गया था।

कहा जाता है कि पहले इस किले को सुदर्शनगढ़ किले के नाम से जाना जाता था लेकिन, बाद में नाहरगढ़ किला नाम रखा गया।

जयपुर के कई शासकों का मंदिर भी इस महल में स्थापित है। कहा जाता है कि इस फोर्ट में रानियों के लिए लगभग 12 खास और अद्भुत कमरे बनवाए गए थे।

नाहरगढ़ किले के अंदर सबसे आकर्षित और सबसे प्रसिद्ध माधवेंद्र पैलेस है। कहा जाता है कि इस पैलेस को महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने अपने शानदार वापसी के रूप में इसका निर्माण करवाया था।

पहले इसके अंदर सैलानी घूमने के लिए नहीं जा सकते थे लेकिन, साल 2017 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया।